Today’s truth — आज की सच्चाई
Kalyug is going on at this time, Kalyug has been written. In Kalyug, only lies and selfishness will do. And this is the reality of Kalyug. The ages of Kali Yuga are the longest in all the ages that have come so far. In the Gita about Kalyuga it has been said that only humans will eat human beings in Kalyuga.
This is happening nowadays, a long time ago, a song was heard by Ramchandra, saying that such a Kalyug will come, Hans Chunnega, Dana Tinka crow Moti Khayega will be seen in reality nowadays. This is happening nowadays, the liar is accepted! And the truth is hunted. Nowadays a person walks around with many faces. This is the bitter truth of Kalyug.
Today’s truth is that the person we trust the most cheats us the most because he has known our weaknesses, he knows what is his weakness and that is why he cheats on us. Because we have believed in him! But nowadays it is going on like this, we cannot accept any mistake or fault of anyone in this.
This is also the truth of today. Parents cry the same children whose parents had asked for great blessings. So remember, you bread in old age. You will not feed your children but only your given rites. This is the truth.
One thing to remember is that the truth of today is your wealth is your intelligence and your patience and your best protection is your faith. And the best medicine is your laugh. It is a matter of great surprise that all these things are free. But we are still getting away from it. What is surprising is that there are big houses but there is no family in it. There is a higher education but there is not enough There is expensive medicine but expensive health is not there. Income is high but the comfort is over.
People talk about going to the moon but there is no news even to their neighbor. There is a lot of knowledge among all of us, but love is over. Everyone wears expensive watches but no one has time to talk. There are many people in the world. But humanity is over. Admittedly, we are living in the Kali-yuga and the scale of maintaining a relationship here is only money. One thing to always remember is that money is just a tool, people will not ask you even when you have no money on the day.
So if you want to help someone, then you give him your time because the given time becomes our memories and memories are always remembered, the person never forgets that the matter is bitter but the truth of the son after marriage and husband It is tested in the time of the wife’s illness, and the wife in the time of the husband’s poverty, and the friend in the time of need, and the test of the child is in the time of old age.
And one of the biggest truths today is that if we ever help someone a little bit, then first they take a picture with him and then put that picture in many places. In order to garner our applause, this should not happen because the person we are helping is feeling insulted, if someone asks for help from someone, then in compulsion, we should not at least make a spectacle on social media. By putting a picture of it.
And then if God wanted you to be applauded in this world, then it can be done without photographs, history is witness, how many good people there are, how many saint Mahatmas have come in this world, they are still remembered today.
So keep satisfaction and work hard and love honestly and love towards all! And be happy that it is Kalyug but we can keep ourselves alright. We can change this Kalyuga into Satyuga if we change ourselves. We often want to change other people. If we start changing ourselves, all of us may not need to change anyone.
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आज की सच्चाई
इस समय कलयुग चल रहा है कलयुग के बारे में लिखा गया है. कलयुग में सिर्फ झूठ और स्वार्थ ही चलेगा. और यही कलयुग की असलियत है. अब तक जितने भी युग आए हैं कलयुग की उम्र उन सबसे लंबी है. कलयुग के बारे में गीता में कहा गया है कि कलयुग में इंसान ही इंसान को खा जाएगा.
यही आजकल हो रहा है एक बहुत पहले गाना सुना था रामचंद्र कह गए सिया से ऐसा कलयुग आएगा हंस चुनेगा दाना तिनका कौवा मोती खायेगा यह बात आजकल हकीकत में नजर आ रही है. आजकल यह हो रहा है झूठे को स्वीकार किया जाता है! और सच्चे का शिकार किया जाता है. आजकल इंसान कई चेहरे लगा कर घूमता है. यह कलयुग का कड़वा सत्य है.
आज की सच्चाई यह भी है कि हम जिस पर सबसे ज्यादा विश्वास करते हैं वही हमसे सबसे ज्यादा धोखा देता है क्योंकि वह हमारी कमजोरियों को जान चुका होता है उसे पता होता है किस की कमजोरी क्या है इसीलिए वह हमारे साथ धोखा करता है. क्योंकि हम तो उस पर विश्वास कर चुके होते हैं! लेकिन आजकल का दौर ही ऐसा चल रहा है इसमें हम किसी की कोई गलति यां दोष नहीं मान सकते.
आज की सच्चाई यह भी है. माता पिता को वही औलाद रुलाती है जिन बच्चों को माता-पिता ने बड़ी दुआओं से मांगा था. इसलिए याद रखना बुढ़ापे में आपको रोटी. आप की औलाद नहीं आपके दिए हुए संस्कार ही खिलाएंगे. यही सत्य है.
एक बात याद रखना कि आज की सच्चाई यह है आपकी संपत्ति आपकी बुद्धि और आपका धैर्य और सबसे अच्छी सुरक्षा आपका विश्वास है. और सबसे अच्छी दवाई आपकी हंसी खुशी है. बड़ी अचरज की बात है यह सारी बातें निशुल्क है. लेकिन हम फिर भी इस से दूर हो रहे हैं. कितनी हैरान कर देने वाली बात है बड़े घर तो हैं लेकिन उसमें परिवार नहीं है. ऊंची पढ़ाई है लेकिन तमीज नहीं है. महंगी से महंगी दवाई है लेकिन सेहत नहीं है. आमदनी ज्यादा है लेकिन सुकून खत्म हो चुका है.
लोग चांद पर जाने की बात करते हैं लेकिन अपने पड़ोसी तक की खबर नहीं होती . ज्ञान तो हम सब में बहुत है लेकिन प्रेम खत्म हो चुका है. महंगी से महंगी घड़ियां सब पहनते हैं लेकिन समय किसी के पास भी नहीं है बात करने के लिए. इंसान तो दुनिया में बहुत हैं. लेकिन इंसानियत खत्म हो चुकी है. माना कि हम कलयुग में जी रहे हैं और यहां पर रिश्ते निभाने का पैमाना सिर्फ पैसा ही रह गया है.एक बात हमेशा याद रखना पैसा सिर्फ एक साधन है जिस दिन आपके पास पैसा नहीं रहेगा लोग आपको पूछेंगे भी नहीं .
इसलिए अगर आप किसी की मदद करना चाहते हैं तो उसे आप अपना वक्त दीजिए क्योंकि दिया गया वक्त हमारी यादें बन जाता है और यादें हमेशा याद रहती हैं उसको इंसान कभी भूलता नहीं है बात कड़वी है लेकिन सत्य है पुत्र की परख विवाह के बाद और पति की परख पत्नी की बीमारी के समय, और पत्नी की परख पति की गरीबी के समय, और दोस्त की परख जरूरत के समय, और औलाद की परख बुढ़ापे के समय में ही होती है.
और आज की एक सबसे बड़ी सच्चाई है अभी है कि हम लोग अगर कभी किसी की थोड़ी बहुत मदद करते हैं तो पहले उसके साथ तस्वीर खींच आते हैं और फिर वह तस्वीर कई जगह पर लगाते हैं. अपनी वाहवाही बटोरने के लिए जबकि ऐसा होना नहीं चाहिए क्योंकि जिसकी हम मदद कर रहे होते हैं उसको अपनी बेइज्जती महसूस हो रही होती है अगर कोई किसी से मदद मांगता है तो मजबूरी में मांगता है हम कम से कम उसका तमाशा तो ना बनाएं सोशल मीडिया पर उसकी तस्वीर डाल कर.
और फिर अगर भगवान ने चाहा कि तुम्हारी इस संसार में वाहवाही हो तो वह बिना तस्वीरों के भी हो सकती है इतिहास गवाह है जितने भी अच्छे इंसान हैं कितने हैं संत महात्मा इस दुनिया में आए हैं उन सब को आज भी याद किया जाता है.
इसलिए संतोष रखें और मेहनत करें और इमानदारी से और सब के प्रति प्रेम प्यार रखें! और सुखी रहे माना कि यह कलयुग है लेकिन हम अपने आप को तो ठीक रख सकते हैं. इसी कलयुग को हम सतयुग में बदल सकते हैं अगर हम अपने आप को बदल ले. हम अक्सर दूसरे लोगों को बदलना चाहते हैं अगर हम अपने आप को बदलना शुरू करेंगे हम सब तो शायद हमें किसी को बदलने की जरूरत ना पड़े.
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धन्यवाद.