भलाई की आदत (Goodness In Hindi)
जिंदगी में हमेशा भलाई करने की आदत डालनी चाहिए. क्योंकि अगर हम किसी का भला करेंगे तो हमें एक मानसिक सुख प्राप्त होगा. हमें यह नहीं सोचना कि सामने वाला हमारे साथ क्या कर रहा है, हमें किसी भी कीमत पर अपनी भलाई की आदत नहीं छोड़नी चाहिए. और जीवन में आगे बढ़ते रहना चाहिए.
जिंदगी में जब भी हम सही रास्ते पर चलने की कोशिश करते हैं. तो बीच में बहुत कठिनाइयां आती हैं. हमारे अपने साथ वाले ही हमें पीछे खींचने की कोशिश करते हैं. क्योंकि दुनिया में सच्चाई पर चलने वाले बहुत कम लोग ही मिलते हैं. उसका सबसे बड़ा कारण यह है कि हमारे अपने ही हमारे रास्ते की सबसे बड़ी रुकावट बन जाते हैं. वह हमारा मजाक उड़ाते हैं. हमारे ऊपर हंसते हैं. और जब हम फिर भी उनकी बात नहीं मानते तो हमारे साथ कभी-कभी लड़ाई झगड़ा भी करते हैं.
उनका सिर्फ एक ही मकसद होता है. हमें सच्चाई के रास्ते से पीछे खींचना. लेकिन उनकी इतनी कोशिशों के बावजूद भी हमें सच्चाई के रास्ते से पीछे नहीं हटना चाहिए कभी क्योंकि इस दुनिया में सच्चाई के रास्ते पर चलना सबसे कठिन काम है. और हमें इस कठिन काम को पूरा करना है चाहे रास्ते में जितने भी मुश्किलें आए जितनी भी परेशानियां आए. बिना क्रोध करें चुपचाप अपने रास्ते पर आगे बढ़ते जाएं. क्योंकि अगर हमने क्रोध किया तो हम आगे नहीं बढ़ पाएंगे इसलिए मुस्कुराकर आगे बढ़ते जाएं बहुत पहले एक छोटा सा प्रसंग सुना था कहीं मुझे बहुत अच्छा लगा वह मैं आपको बता रही हूं.
एक बार की बात है एक साधु गंगा किनारे बैठा हुआ था. कि पानी में एक बिच्छू बहता हुआ आया साधु ने उस बिच्छू को देखा और आगे हाथ बढ़ाकर उस बिच्छू को पानी से बाहर निकाल लिया. बिच्छू ने साधु के हाथ में काट लिया साधु को दर्द बहुत हुआ लेकिन साधु ने देखा बिच्छू फिर पानी में गिर गया है. साधु ने फिर हाथ बढ़ाकर बिच्छू को बाहर निकाला बिच्छू ने फिर साधु को काट लिया साधु को फिर दर्द हुआ और बिच्छू फिर पानी में गिर गया ऐसा पता नहीं कितनी बार हुआ लेकिन साधु बार-बार बिच्छू को पानी से बाहर निकाल देता पास में खड़ा एक आदमी यह सब देख रहा था कि साधु अपनी दरियादिली दिखा कर बिच्छू को बाहर निकालता है .
लेकिन बिच्छू साधु के हाथ पर काट लेता है. ना साधु बिच्छू को निकालना छोड़ रहा है. और ना बिच्छू साधु को काटना. वह आदमी साधु के पास गया और बोला साधु महाराज यह बिच्छू आपको बार-बार काट रहा है. आपके हाथ में खून भी निकल रहा है लेकिन आप फिर भी बार-बार इसकी जान क्यों बचा रहे हो. साधु बोला जब बिच्छू अपने आदत नहीं छोड़ रहा. तो मैं साधु होकर अपनी भलाई की आदत कैसे छोड़ दूं.
आपको यह छोटा सा प्रसंग सुनाने का एक ही मकसद था कि चाहे जिंदगी में कितनी भी परेशानियां आए कितने भी मुसीबत आए हैं लोग आपको कुछ भी कहते रहें चाहे आपके अपने ही हो. वह आपको पीछे खींचने की बहुत कोशिश करेंगे लेकिन अगर आप उन सब बातों को नजरअंदाज कर दोगे तो एक दिन वह खुद ही चुप हो जाएंगे .
इसलिए जिंदगी में आप अपनी अच्छाई कभी मत छोड़ना क्योंकि अच्छों के साथ हमेशा अच्छा ही होता है. सच्चा और अच्छा इंसान तो भगवान को भी पसंद है. हमें सिर्फ भगवान की पसंद का ध्यान रखना है. दुनिया वालों की पसंद का नहीं तो चलो आज से ही सच्चाई और अच्छाई के रास्ते पर आगे बढ़ते हैं. तमाम दुनिया की बाधाओं को पार करते हुए.
मेरा यह पोस्ट अच्छा लगे तो शेयर लाइक और फॉलो जरूर कीजिए .
धन्यवाद
Originally published at https://www.lifetopics.online.