झूठा प्यार क्या है
झूठा प्यार क्या है, झूठे प्यार का मतलब है, दिखावे का प्यार | आजकल सभी रिश्तो में दिखावे का ही प्यार रह गया है | सामने सिर्फ यही दिखावा करते हैं कि वह आपसे बहुत प्यार करते हैं लेकिन जब कोई मुसीबत की घड़ी आती है, तो सबसे पहले वही लोग पीछे हटते हैं जो आपको दिन रात कहते रहते हैं कि वह आपसे बहुत प्यार करते हैं, और आपके लिए कुछ भी कर सकते हैं | इस तरह के प्यार को झूठा प्यार ही कहते हैं |
झूठा प्यार क्या है, झूठा प्यार प्रेमी और प्रेमिका ही नहीं करते | आजकल के रिश्तो में भी झूठा प्यार ही रह गया है, चाहे वह पति पत्नी हो, या फिर कोई और रिश्ता हो, सब मे झूठा प्यार ही रह गया है | आज कल की दुनिया में प्यार का यही खोखलापन ही नजर आता है | प्यार के खोखलेपन को एक छोटी सी कहानी के जरिए आप को समझाने की कोशिश करती हूं |
एक बुढ़िया थी | उसकी एक जवान लड़की थी | इत्तेफाक से वह लड़की बहुत ज्यादा बीमार हो गई उसका बहुत इलाज करवाया लेकिन कोई भी फायदा ना हुआ | बुढ़िया कहने लगी कि हे परमात्मा ! इसकी जगह मैं मर जाऊं, यह बच जाए | मैं तो बूढ़ी हूं | दुनिया में बहुत कुछ देख चुकी हूं ; यह जवान है, यह ना मरे | बुढ़िया बार-बार यही कहती |
एक दिन घर के बाहर का दरवाजा खुला रह गया | कहीं से एक आवारा गाय अंदर आ घुसी | रास्ते में एक पतीला पड़ा हुआ था | गाय ने खाने के लिए जैसे ही पतीले में मुंह डाला उसका सिर उसमें फस गया | गाय घबरा कर इधर-उधर दौड़ने लगी | अब पतीले के नीचे का काला हिस्सा सामने था | जब गाय ने दो चार चक्कर लगाए तो बुढ़िया डर गई और समझी की मौत का फरिश्ता आ गया है | कहने लगी, मैं तो बूढ़ी हूं, मेरी लड़की तो वैसे ही बीमार है | वह सामने पड़ी है उसको ही ले जाओ |
सो इंसान बातें कुछ करता है और दिल में कुछ और होता है | लेकिन इंसान के प्यार का पता तो जरूरत के समय भी चलता है | इसी को झूठा प्यार कहते हैं | और यही दुनिया का प्यार है | सच्चा प्यार तो सिर्फ एक ही है वह है भगवान से जिसमें कोई भी दिखावा नहीं होता |
जीवन में हमेशा सच्चे प्यार की उम्मीद भगवान से रखो इंसान से नहीं क्योंकि इंसान का प्यार सिर्फ मतलब और दिखावे के लिए ही होता है |
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धन्यवाद
Originally published at https://www.spiritualstories.online.