क्या हमें जिंदगी से डर कर भाग जाना चाहिए
नहीं हमें कभी जिंदगी से डर कर नहीं भागना चाहिए, हमें हमेशा जिंदगी का सामना करना चाहिए, चाहे जिंदगी में कैसे भी हालात आए हमें उन हालातों का डटकर सामना करना चाहिए. जिंदगी में सुख दुख और मुश्किलें तो आती जाती रहती हैं.
इंसान की सबसे बड़ी गलती — सबसे बड़ा पाप होता है. “ आत्महत्या” ,क्योंकि जिस भगवान ने हमें यह शरीर दिया उसी शरीर को हमने खत्म कर दिया.
जिंदगी में बहुत सारी समस्याएं आती है, हर एक समस्या का समाधान हमें इसी संसार में मिल जाता है, तो फिर क्यों हम अपने इस अनमोल जीवन को खत्म कर देते हैं. जब कोई आत्महत्या करता है उसके साथ उसके माता पिता मायूस हो जाते हैं, जो आत्महत्या करता है, इस संसार से चला जाता है लेकिन जो पीछे रह जाते हैं माता पिता वह जिंदा लाश बन कर रह जाते हैं.
वैसे भी हमें कोई हक नहीं उस भगवान के बनाए हुए शरीर को खत्म करने का, हम अगर खुद विचार करें ?
हम अगर छोटी सी भी कोई चीज बना लेते हैं उसे कोई तोड़ देता है, खत्म कर देता है, हमें कितना बुरा लगता है तो क्या उस भगवान को अच्छा लगेगा कि “ मैंने तो इसे इतना अच्छा जीवन दिया, छोटी सी समस्याओं को लेकर इसने अपने आप को खत्म कर लिया जबकि उन समस्याओं का समाधान भी इसे मैंने दिया “लेकिन इसने उन समस्याओं को समझाने की कोशिश भी नहीं की, और बुजदिलओ की तरह हार मान ली.
आतम हत्या करना कायरों का काम है और मुझे नहीं लगता कि भगवान ने किसी भी इंसान को कायर बनाया होगा. इंसान जिंदगी में हर एक जंग को लड़ भी सकता है. और जीत भी सकता है. बस विचार करने की देर है. थोड़ा विचार करें और सोचे कि जो समस्या हमारी जिंदगी में है क्या इनका कोई हल नहीं हर एक समस्या का हल मिलेगा अगर हम शांति से ठंडे दिमाग से सोचेंगे और अगर हमने सोच विचार नहीं की तो हमेशा गलत कदम ही हम उठाते हैं.
जब भी कोई आत्महत्या करता है तो वह अकेला नहीं करता है, उसे देखकर पता नहीं कितने लोग इसी कदम को उठाते हैं जो कि बहुत गलत है खुद तो गलती की है उस व्यक्ति ने और दूसरों को भी गलत रास्ते पर डाल दिया. इसलिए ना तो हमें खुद यह कोई काम करना है ऐसा, और ना ही हमें दूसरों की प्रेरणा बनना है इस काम के लिए.
बहुत से दुनिया में अच्छे काम है जिन्हें कर के हम दूसरों की प्रेरणा बन सकते हैं. दूसरों को सही रास्ता दिखा सकते हैं और खुद भी सही रास्ते पर चल सकते हैं. इसलिए जब भी कोई ऐसा विचार आए तो हर एक दिशा की तरफ देखना और सोचना कि यह मेरा एक कदम कितने लोगों की ओर जिंदगी ले सकता है.
इसलिए जब कभी भी ऐसा कोई भी विचार अंतर में उठे ,एक बार अपने माता पिता अपने दोस्तों से जरूर बात करनी चाहिए .कोई ना कोई समाधान जरूर निकल आता है. वैसे भी संसार में मां बाप से बड़ा कोई दोस्त नहीं है, और मां-बाप के पास सब समस्या का समाधान जरूर होता है इसलिए एक बार जरूर अपने माता-पिता से बात करो और जब भी ऐसा कोई कदम आप उठाने लगे तो साथ जुड़े हुए लोगों को जरूर याद कर लो आपके जाने के बाद उन लोगों का क्या होगा | सबसे बड़ा पाप आत्महत्या को ही माना गया है हमें तो कभी यह सोचना भी नहीं चाहिए ऐसा करने के बारे में ,एक बार उनसे जाकर पूछ कर देखो जिनके बच्चों ने जिनके घर में किसी ने आत्महत्या की है उनकी क्या हालत हो रही है एकदम अकेले रह जाते हैं वह इस दुनिया में .
इसलिए कभी भी ऐसा कदम नहीं उठाना है.
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धन्यवाद
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