आज में जीना सीखो
हमेशा आज में जीना सीखो. हम लोग हमेशा आने वाले कल के लिए परेशान रहते हैं. कि कल क्या होगा. कभी अपने परिवार के बारे में सोचते हैं. कभी अपने बिजनेस के बारे में सोचते रहते हैं. इसका नुकसान क्या होता है. जो आज हमारे पास खुशियां होती हैं. ज्यादा सोचने से वह भी दुख में बदल जाती है.
ऐसा क्यों होता है! हम लंबी-लंबी योजनाएं बनाते हैं! 5 साल बाद में यह करूंगा, 10 के बाद में यह करूंगा. क्या हमें विश्वास है. कि हम 10 साल तक जिंदा रहेंगे. जिंदगी का कोई भरोसा नहीं होता, हमारे पास जो कुछ भी है. वह आज ही है.आज अगर हम खुश हैं! सुखी हैं. तो यह आशा रखें, आने वाला समय भी खुशियों से भरा ही होगा. इसलिए हमेशा आज मे जीना सीखें.
जो रिश्ते जो परिवार आज हमारे पास है. अगर हम उनके सामने हमेशा कल कल करते रहेंगे, तो वह भी परेशान हो जाएंगे. इसलिए आज अपना समय’ और अपना साथ अपने परिवार को अच्छी तरह दे. कल के ऊपर मत छोड़ो, क्योंकि कल कभी नहीं आता. कल जब भी आपके पास आएगा. आज ही बन कर आएगा इसलिए मत भूलो कल नहीं आता. इसलिए हमेशा आज में जीना सीखो.
हम लोग क्या करते हैं. पैसा कमाने के लिए दिन रात एक कर देते हैं. पैसे कि आज भी हमारे पास कमी नहीं होती है. लेकिन हम यह सोचते हैं. यह पैसे तो कुछ दिन में खत्म हो जाएंगे, उसके बाद क्या होगा यह सोच कर हम अपने सुख शांति तक भंग कर लेते हैं. जीना ही भूल जाते हैं. जब बहुत सारा पैसा कमा लेते हैं. उसके बाद उस पैसे का हम इस्तेमाल ही नहीं कर सकते क्योंकि तब तक हमें बहुत सारी बीमारियां घेर लेती हैं. फिर हम खाना कम दवाइयों पर ही जिंदा रहते हैं. क्या फायदा ऐसे कल के लिए सोच कर. जीना है तो आज मैं जियो क्योंकि आज हमारे पास है.
एक बार की बात है. एक बहुत ही धनी सेठ था. शहर में सबसे ज्यादा पैसा उसके पास था. लंबी लंबी गाड़ियों उसके पास थी. बड़े-बड़े बंगले थे. उसके पास इतना पैसा था, कि उसकी सात पीढ़ियां बिना कुछ किए बैठ कर खा सकती थी. उसको जीवन में कोई भी परेशानी नहीं थी. एक दिन किसी ने उसको कहा तुम्हारी सात पीढ़ियां तो बैठ कर खा सकती हैं. लेकिन 8 वीं पीढ़ी का क्या होगा. यह सुनकर वह दिन रात परेशान रहने लगा अपना आज भूल गया. सिर्फ इसी सोच में रहता कि मेरी आठवीं पीढ़ी का क्या होगा. यह सोच सोच कर उसकी नींद उसका चैन सब कुछ खत्म हो गया.
एक दिन किसी ने उसको बताया कि, शहर में एक बहुत बड़े संत आए हैं. उनके पास जाओ वह तुम्हारी समस्या का हल जरूर बताएंगे. सेठ अगले दिन सुबह सुबह संत के डेरे पर पहुंच गया. और जाकर संत को अपनी समस्या बताई. संत ने बहुत ध्यान से उसकी बातें सुनी, और मुस्कुरा दिए. और बोले तुम एक काम करो, तुम्हारे शहर के बाहर एक झोपड़ी है. उसमें एक बूढ़ी मां रहती है. तुम उसके पास जाओ, उसे कुछ दान दे दो तुम्हारी समस्या का हल हो जाएगा.
सेठ अगले दिन बहुत सारी अनाज की बोरियां लेकर बूढ़ी मां की झोपड़ी पर गया. और बूढ़ी मां को बोला यह अनाज रख लो मैं आपके लिए लाया हूं. बूढ़ी मां ने कहा मुझे यह अनाज नहीं चाहिए. तो सेठ ने कहा माता आपको यह अनाज क्यों नहीं चाहिए, माता ने जवाब दिया, बेटा मेरे पास आज रात का खाना है. कल मुझे भगवान फिर दे देगा. मैं कल की चिंता क्यों करूं. मुझे अपनी आज की चिंता थी. आज के लिए मेरे पास खाना है. सेठ बूढ़ी माता की बातें सुनकर भौचक्का रह गया. उसने सोचा मेरे पास तो सात पीढ़ियों तक का अनाज है तो मैं क्यों परवाह कर रहा हूं. सेठ ने बूढ़ी मां को प्रणाम किया और वापस अपने घर लौट गया. उसके बाद उसने यह प्रण किया अब मैंने सिर्फ आज मे ही जीना है.
यह कहानी हमें बहुत कुछ सिखाती है. कि हमें हरदम खुश रहना चाहिए. कल के लिए हमें अपना आज नहीं खोना चाहिए. हमारी सबसे बड़ी प्रॉब्लम ही यही है कि हम बीते हुए कल को याद करके, रोते हैं या फिर आने वाले कल के लिए रोते हैं. इसलिए बेहतर यह है कि बीते हुए कल को हम भूल जाए आने वाले कल का हमें पता नहीं हमें सिर्फ और सिर्फ आज में जीना है. जो कुछ भी हमारे पास है वह हमारे जीने के लिए काफी है. उसी में हमने खुश रहना है.
तो चलो फिर आज से आज में जीते हैं.
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